मैं आज जो लिखने जा रहा हूँ ,वो शायद हम सब के ज़हन में हमेशा रहती है ! पर जिंदगी के ज़दोज़हद में अक्सर नज़रंदाज़ हो जाती हैं ! मेरी बातों से अगर किसी को ठेस पहुंचे तो माफ़ी चाहूँगा !
सच पूछिया तो #Coalgate #2G #Tatra #Adarsh #ParticipatoryNote अदि अदि ... घोटालों से मन विचलित हो जाता है , ऑंखें गुस्से से लाल हो जाती है और श्री वल्लभभाई पटेल की बात याद आ जाती है!
"आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है,इसलिय अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये ,और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिय :- श्री वल्लभभाई पटेल"
पर मैं आज इन महान घोटालों के बारे में नहीं कहूँगा ! "मुझ से न पूँछ केले का स्वाद ,मैंने छिलके खाते बच्चे देखे हैं "! सवाल बहुत सीधा है ,एक लाइन कहीं सुनी थी या शायद गीत का मुखड़ा है :-
"एक रोटी का सवाल है,जवाब जिसका रोटी हो "
सच मानिये तो इन बड़े घोटालों की काफी हद् तक भनक भी दूर दराज़ के गाँव में पहुंची भी नहीं होगी या अगर पहुंची भी होगी तो उनकी उत्सुकता का कारन तो निश्चित है नहीं होगी !उनके सवाल और उत्सुकता के कारण आज भी मासूम होते हैं !उन की लड़ाई खुद से और सिस्टम से रोज़ दिन में दो बार होती है ,वो दो बार जब घर के चूल्हये जलने का जब वक्त आता है !
आज भी 80% गाँव की समस्या काम ,खाद ,बीज ,कीटनाशक ,टपकती छत ,महँगी दवाई , अदि छोटी चीजे ही हैं !उसे परेशानी प्रधानमंत्री ,वित्तमंत्री ,राजस्वमंत्रालय से नहीं बल्कि गाँव के प्रधान ,BDO ,लोकल MLA ,लोकल Police ,सरकारी डोक्टर ,बस के किराये से है !आप शायद विस्वास न करें पर आज भी जादातर गावों के छोटे बाज़ारों में 500 का नोट खुलवाना मुश्किल होता है !
ज़मीने सतह पे देखें तो PURA ,NHRM , BHARATNIRMAN ,NSAP ,PMGSY ,RURALHIGINE ,ANGANWADHI अदि और सबका बाप MANERGA बाबा का पैसे कैसे विभागों के बंदरबांट में बंटता है ये सभी जानते हैं !इन घोटालों का सच कई बार रूह कांपने वाला होता है क्योंकि ये पैसे के अलावा कई बार ज़िन्दगिया भी लेके जाता है!
सवाल है 70 % लोगों को रोज़गार ,खाना ,छत,डॉक्टर और जिंदगी की बुनियादी ज़रूरतें मुहैया करने का ! जिसके बारे में कोई ठोस ओउर लीक प्रूफ कोशिश की जनि चाहिय !
जहाँ तक बड़े घोटालों का सवाल है चाहे 1.76 lakh Crore या 1.86 Lakh Crore या फिर अरबों रुपया कला धन का हो ,
सच पूछिया तो अगर ये धन आ भी गया ,जो की मैं भी चाहता हूँ की आये ! होना आम आदमी का कुछ भी नहीं है ! पैसे आते ही Politicians / Beurocrats / High end Dalals की नयी Breed आ जायेगी जो इसे लूटने और बर्बाद करने का कोई न कोई तरीका ज़रूर इजाद कर लेंगे ! और मीडिया फिर उन्हें मई बाप बना कर उनके गुण गायेगा ,फेंकी हुई बोटियाँ खायेंगे और उनके पाप छुपायेंगे !
अगर इस वक्त किसी चीज़ की सबसे अधिक ज़रुरत है तो वो है Visionary लीडरशिप की और विसिओनर और Executing लीडर की!शायद ज़रुरत है हमें डॉ सुब्रमनियन स्वामी ,नरेंदर मोदी ,अरुण शौरी ,गोविन्दाचार्य ,गुरुमूर्ति ,विनोद राय ,यसवंत सिन्हा ,किरण बेदी ,के पी एस गिल ,उमा भारती जैसे लोगों की !