कल मैं रहूँ न रहूँ
कुछ तुम न कहो , कुछ हम न कहें ,
रात कट जाये , आँखों ही आँखों में ।
होंठ भी न हिलें , आँख भी नम न हो ,
दर्द बढ़ जाये , बातों ही बातों में ।।
जो कहानी मेरी , ज़बां तेरी हो ,
शम्मा बुझने न पायेगी रातों में ।
मुझ को तुम न मिलो , तो कोई ग़म नहीं ,
पर भुलाना न हमको ,तुम ख्वाबों में ।।
कुछ तुम न कहो , कुछ हम न कहें ................।।
राह चलना मगर ठोकरों ,से सजग ,
गिरके उठने न पाओगे ,राहों में ।
मौत से भागकर जायेंगे ,हम कहाँ ,
लेगी एक न एक न एक दिन, ये तो बाँहों में ।।
गलतियाँ गर करो , तो बस थोड़ी सी ही ,
दाग लगने न पाए ,दामन में ।
हौसला जब तेरा डगमगाने लगे ,
हौले से आजा , उसकी(भगवान) पनाहों में ।।
कुछ तुम न कहो , कुछ हम न कहें ................।।
कुछ तुम न कहो , कुछ हम न कहें ,
रात कट जाये , आँखों ही आँखों में ।
होंठ भी न हिलें , आँख भी नम न हो ,
दर्द बढ़ जाये , बातों ही बातों में ।।
जो कहानी मेरी , ज़बां तेरी हो ,
शम्मा बुझने न पायेगी रातों में ।
मुझ को तुम न मिलो , तो कोई ग़म नहीं ,
पर भुलाना न हमको ,तुम ख्वाबों में ।।
कुछ तुम न कहो , कुछ हम न कहें ................।।
राह चलना मगर ठोकरों ,से सजग ,
गिरके उठने न पाओगे ,राहों में ।
मौत से भागकर जायेंगे ,हम कहाँ ,
लेगी एक न एक न एक दिन, ये तो बाँहों में ।।
गलतियाँ गर करो , तो बस थोड़ी सी ही ,
दाग लगने न पाए ,दामन में ।
हौसला जब तेरा डगमगाने लगे ,
हौले से आजा , उसकी(भगवान) पनाहों में ।।
कुछ तुम न कहो , कुछ हम न कहें ................।।
साधना सच्ची हो , और लगन पक्की हो ,
तू ही तू होगा , सारी फिज़ाओं में ।
कल मैं रहूँ न रहूँ , इसका क्या है पता ,
गूंजेंगे मेरे नगमे ,हवाओं में ।।
कुछ तुम न कहो , कुछ हम न कहें ,
रात कट जाये , आँखों ही आँखों में ।
रात कट जाये , आँखों ही आँखों में ।
धन्यवाद
अरुण कुमार तिवारी
Awesome!!
ReplyDeleteBHUT SUNDER LIKHA APNE ,,,APKA INDUSTRY SE JUDA BLOG ,,KAFI KNOWLEDGE VALA H ,,BHUT SARI INFORMATION MILI ,,,AAGE BHI AAP AISE BLOG LIKHE ,,,JISSE HUM APNE DESH KE BARE M AUR JYDA JAAAN SKE ,,THANKU ,,,VERY MUCH ,,
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