एक छोटी कहानी : बकरी का बच्चा
तीन संगीतकारों को जब रियाज़ करने की जगह नहीं मिली तो वे एक जंगले में संगीत का अभ्यास करने का निष्चय करके निकल पड़े .काफी ढूँढने के बाद उन्हें घने वन में एक जगह मिल गई / तीनों ने वहां अपनी अपनी कुटिया बना ली / एक दुसरे को परेशानी न हो इस लिया रियाज़ का वक्त भी निर्धारित कर लिया /
पहला संगीतकार जो ढोलक बजाता था सुबह ,दूसरा जो तबला बजाता था दोपहर तीसरा जो मृदंग बजाता था शाम को रियाज़ करने लगा /
पहले संगीतकार ने पहले दिन सवेरे सवेरे जैसे ही ढोलक बजाना शुरू किया एक बकरी का बच्चा वहां आ गया और सुनने लगा ,उसको सुनते सुनते वो रोने लगा / जैसे ही ढोलक बंद हुई वो उठ कर भाग गया /संगीतकार को ख़ुशी हुई की उसका रियाज़ सफल हो रहा है क्यूंकि जानवर भी उसके संगीत से मुग्ध हैं/
दोपहर में जैसे ही दुसरे संगीतकार ने तबला बजाना सुरु किया वो बकरी का बच्चा फिर आ गया / और सुनने लगा ,उसको सुनते सुनते वो फिर रोने लगा / जैसे ही ढोलक बंद हुई वो उठ कर भाग गया /संगीतकार को ख़ुशी हुई की उसका रियाज़ सफल हो रहा है क्यूंकि जानवर भी उसके संगीत से मुग्ध हैं /
शाम के वक्त जब तीसरे संगीतकार ने मृदंग बजाना सुरु किया वो बकरी का बच्चा फिर आ गया / और सुनने लगा ,उसको सुनते सुनते वो फिर रोने लगा / जैसे ही मृदंग बंद हुई वो उठ कर भाग गया /उसे भी ख़ुशी हुई की उसका रियाज़ सफल हो रहा है क्यूंकि जानवर भी उसके संगीत से मुग्ध हैं /
ये सिलसिला कई दीनो तक चलता रहा तीनो ने एक दुसरे ये घटना बताई / धीरे धीरे तीनों में घमंड जागने लगा / जब कोई फैसले नहीं हो पाया तो तीनों ने बकरी के बच्चे से ही निर्णय करवाने का सोचा / जैसे ही अगले दिन सुबह सुबह ढोलक की आवाज़ सुनके बकरी का बच्चा आये तो पेंड के पीछे छुपे दोनों संगीतकारों ने उसे पकड़ लिया /बकरी का बच्चा डर से कांपने लगा /तीनो ने विनम्रता से उसे पकड़ने का कारण समझाया और पुछा बताओ हम तीनो में से कौन सा संगीतकार सबसे अच्छा है क्योंकि तुम्हे संगीत की लगन और पहचान जान पड़ती है तभी तो सुनते सुनते इतने मुग्ध हो जाते हो की रो पड़ते हो ?
बकरी के बच्चे ने भरी भरी आँखों आँखों से जवाब दिया , मुझे संगीतका कोई ज्ञान नहीं है न संगीत की लालसा और न ही समझ /आप लोग जो ढोलक, तबला और मृदंग बजाते हैं उसमे जो खाल लगी है वो मेरे पिता ,माँ और बहन की है ,आप लोग जब भी ये बजाते हैं तो मुझे उनकी दर्द भरी पुकार आती है और मैं यहाँ चला आता हूँ उनकी पुकार मुझे जब व्यथित कर देते है तो मैं रो देता हूँ /
राजनीतिज्ञ और कुछ अवसरवादी ऐसे ही हैं वो हमारी और हमारे अपनो की खाल पीट रहे हैं और हम सुन्ने पहुँच जाते हैं ,एक बात तो समझ लें ऐसे लोग Fortune Hunters हैं इनमें न Class है ,और न Caliber /
ये करते क्या हैं पहले बड़े नेताओं के तलवे चाटते हैं ,फिर उनके चमचों और सेक्रेटरी के पैर पकड़ते हैं ,अपनी जेब से पैसे खर्च करते हैं वोट की भीख मांगने के लीए घर घर जाते हैं और ये सब किस लिए ??? "आपकी सेवा करने के लिया ?? ये सब आपके अन्दर अपने स्वार्थ रूपी ढोलक, तबला और मृदंग की खाल देख रहे हिते हैं /
इनसे सावधान रहें ./
धन्यवाद् अरुण कुमार तिवारी
Outstanding....Superb.....A Reality
ReplyDeletebahut achee kahani se baat batai in chmache aur sifarshi tatuon kee /jo is desh ko deemak kee tarah chaat rahe hain - these fortune hunters
ReplyDeleteRealistically critical, factual and sadly the trend setter that politics has become - to loot and nothing else.
ReplyDeleteWell written, Arunji!
Gr8 story with greatest conclusion....well done.. :)
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