Friday, October 12, 2012

एक चाणक्य की जरूरत है




"रोग को समझना और उपचार करना एक कला है "

परिस्थितिओं की वास्तविकता को समझे



1  कांग्रेस की निति और व्यव्हार दोनों देश को नस्ट करने पे उतारू है !

2  तथाकथित सेकुलर दल SP,BSP,JDU,TMC इत्यादी देश को तोड़ने और बाँटने में कार्यशील है !

3  मीडिया काफी हद तक बिक चुकी है !

4  नौकरशाही राजनेताओं और मीडिया की आड़ में मलाई खा रहे है !

5  न्यायालयों से काफी हद तक उम्मीद बंधी हैं पर दूध के धुले वे भी नहीं है !




जिन चंद हेरोस (Hero's) के इर्द गिर्द आम आदमी का विस्वाश घूम रहा है वो हैं डॉ सुब्रमनियन स्वामी, श्री नरेन्द्र मोदी, श्री अरविन्द केजरीवाल,बाबा रामदेव और बीजेपी। और भी कई हैं पर मुख्यतः इन्ही के आस पास सब घूम रहा है!

इन सब की अपनी-अपनी फैन फोल्लोविंग (Fanfollowing) हैं , वैसे देश हित मैं फैन फोल्लोविंग जैसे शब्दों का उपयोग करना ठीक नहीं है पर वास्तविकता तो यही है!

जैसा ताकत के सिधांत के साथ होता है "वो बिना वज्रास्वा (Absolute Power) लिए नहीं मानता " वैसा ही कुछ निकट भविष्य में इनके बीच में शायद हो जायेगा !इनकी वज्रास्वा की लड़ाई कांग्रेस और गैर राष्ट्रहित दलों का फायदा और देश का नुक्सान ही करेगी! कांग्रेस से मेरी कोई जाती दुश्मनी नहीं है पर जो भी देश के अहित में काम करेगा उससे दुश्मनी स्वाभाविक है !

डॉ स्वामी की समस्या संगठन का कमज़ोर होना है ! वो एक ओने मेन आर्मी (One man army) हैं ! कभी कभी उनका व्यव्हार तानाशाहात्मक भी हो जाता है ! टीम केजरीवाल पे उनकी उनकी राय सभी जानते हैं !बीजेपी उन्हें अपना दुश्मन माने न माने पर पुरानी बातों को लेके एक दूरी ज़रूर बनी हुई है ! बीजेपी के एक दो लोगों को छोड़ कर ज्यदातर लोगों ने उनसे एक दूरी ज़रूर रही हुई है !

श्री मोदी एक ताकतवर नेता हैं ,और उन्होंने अपनी कार्यशैली से गुजरात और काफी हद तक बाकि देश वासिओं में अपनी एक छाप छोडी है ! पर उनकी एक समस्या शायद आप मुझ से सहमत न हों उनका तानाशाहात्मक रवैया भी है ! वैसे आज की स्थिति में वो ज़रूरी भी है !पर ऐसा व्यवहार अक्सर गैरों को कम अपनों को ज्यादा चोट पहुंचता है ! टीम केजरीवाल के प्रति उनकी कोई अच्छी राय नहीं है !

श्री केजरीवाल के अन्दर भी तानाशाहात्मक भाव हैं आप शायद मुझसे इत्तेफाक न रखें ! उन्हें ये समझना होगा की उनके उठने में कांग्रस का दिमागी खेल भी एक मुख्या कारन है (एक मात्र कारन नहीं ) ,कांग्रेस ये गेम विरोधिओं को तोड़ने के लिए कर रही है मीडिया इस खेल में उनका पूरा साथ दे रहा है ! क्यूंकि कांग्रेस का उद्देश्य विरोधिओं को तोडना है ! केजरीवाल को समझना होगा एक साथ कांग्रेस और बीजेपी का विरोध करना 18 से 30 साल के लोगों में आक्रोश तो भर सकता है पर नतीजे में एक कमज़ोर ओप्पोसितिओन (Opposition) ही मिलेगा देश को , जो किसी भी हाल में देश हित में नहीं होगा !उनका बीजेपी और डॉ स्वामी के प्रति विरोध भी जग जाहिर है !

बाबा रामदेव तो खुल के कांग्रेस विरोध में आ गए हैं पर तानाशाहात्मक रव्वाया उनका भी है !वे खुल के न तो बीजेपी के साथ आये हैं न ही कोई राजनितिक विकल्प दिया है ! उनकी भी साख पे कुछ धब्बे ज़रूर है !उनकी टीम केजरीवाल के प्रति नाराजगी सब जानते हैं !

बीजेपी,आप सोंच रहे होंगे मैंने नरेंदर मोदी और बीजेपी को अलग अलग क्यूँ किया पर वास्तविकता तो यही है !बीजेपी में दो गुट काम कर रहे हैं विद मोदी और एंटी मोदी !बीजेपी ने वैसे भी बेव्कूफिओं का ठेका सा ले रखा है !काफी हद तक पिछले 4 - 5 साल में बीजेपी (केंद्र)की नाकामयाबी ही बाकि लोगों के उठने का कारन है ! बीजेपी की भी केजरीवाल और डॉ स्वामी के प्रति खटाश जग जाहिर है !

इन सारी स्थितिओं में एक चाणक्य की जरूरत है जो इन विपरीत मानसिकता/व्यव्हार वाले लोगों को साथ ले कर चल सके ,जो इन सब लोगों को आत्ममंथन के लिया मजबूर करे और समझाए की वज्रास्व की लड़ाई में कंही वे देश का अहित न कर बैठें !

वो चाणक्य अन्ना हो सकते हैं ,अरुण शौरी हो सकते हैं,गोविन्दाचार्य हो सकते हैं , गुरुमूर्ति हो सकते हैं,यसवंत सिन्हा हो सकते हैं ,अटल जी हो सकते हैं,रसस(RSS) हो सकती है,या शायद वो नाम जिसके लिया आप मुझे गाली बकें "श्री आडवानी " हो सकते हैं !

धन्यवाद

अरुण कुमार तिवारी
  

3 comments:

  1. Absolutely correct!!Aapki baaton se main puri tarah sehemat hu,ye message un tak pohochna chahiye.

    ReplyDelete
  2. ji achha likha aur sahi bhi.... lekin Baba ramdev ke naam ke aage bhi shree laga dijiye :) ;)

    ReplyDelete
    Replies
    1. Bhai baba apne aap me ek shradha ki padvi hai

      Delete